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हास्य रस की परिभाषा और Hasya Ras ka Udaharan 2024

हास्य रस की परिभाषा और Hasya Ras ka Udaharan:  हास्य रस भारतीय साहित्य और नृत्यशास्त्र में एक महत्वपूर्ण भावना है जो हँसी और मनोहरता के माध्यम से अपने सार्वभौमिक स्वरूप के लिए प्रसिद्ध है। हास्य रस न केवल मनोरंजन का स्रोत है बल्कि यह जीवन की छवि को सुखद और हंसीभरे रूप में प्रदर्शित करने का एक अद्वितीय तरीका भी प्रस्तुत करता है।

हास्य रस की परिभाषा Hasya Ras Ki Paribhasha

हास्य रस को विचार करते हैं, तो इसे मनोहर, रंगीन, और मजेदार भावना के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। यह रस मनुष्य के हृदय में हंसी और आनंद की भावना को जागरूक करता है, जिससे उसका मन आनंदित होता है। हास्य रस का उत्पाद हंसी, मिमिक्री, और विविध विचारों के माध्यम से होता है, जो दर्शकों को हंसी में डालकर उन्हें मनोरंजन का आनंद देता है।

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हास्य रस के गुण:

हास्य रस की विशेषता इसमें छुपी हुई उच्चता और नृत्यता में है। यह रस व्यक्ति को चिंता मुक्त बनाकर उसे आत्मा के साथ संपर्क करने की अनुमति देता है। हास्य रस के गुणों में मनोहर भाषा, विवेचना, और तर्कशीलता शामिल है, जिनसे यह रस दर्शकों को एक नए सोचने के लिए प्रेरित करता है।

hasya ras ka udaharan
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Hasya Ras ka Udaharan Chutkule

संता की बीवी को डिलीवरी के लिए हॉस्पिटल ले गए…

संता ने नर्स से बोला- बच्चा होने के बाद सीधे मत बताना,

नर्स- मतलब

संता- लड़का हो तो टमाटर बोलना और लड़की हो तो कहना प्याज हुई है…

इत्तेफाक से संता की बीवी के जुड़वा बच्चे हुए एक लड़का एक लड़की…

नर्स कन्फ्यूजन में बाहर आकर बोली बधाई हो सलाद हुआ है..


चिंटू- तुम्हारी बेटी की सगाई को पूरे 2 साल हो गये हैं, विवाह में इतनी देरी क्यों?

पिंटू- दरअसल, लड़का एक वकील है,

जैसे ही विवाह की तारीख पास आती है,

वह कोई ना कोई बहाना करके तारीख आगे बढ़ा देता है


पिता- पढ़ ले नालायक, कभी तूने अपनी कोई बुक खोलकर भी देखी है।

बेटा- हां पापा देखी है, बल्कि रोज देखता हूं उसे।

पिता- कौन सी बुक पढऩे लगा है तू?

बेटा- फेसबुक।


लुंगी पहनी देहाती लड़की को पेड़ पर बैठा देख एक आंटी बोली…

वहां क्यों बैठी है?

लड़की-सेब खाने

महिला-पर यह तो आम का पेड़ है!

लड़की-ओ, आंटी, चौधराईन मत बनो

सेब लेकर आई हूं।


कल रास्ते में स्कूल में साथ पढ़ने वाली एक लड़की दिखी,

मैंने पूछ लिया- तुम्हें याद है हम साथ में पढ़ते थे.

उसने जवाब दिया- पढ़ती तो मैं थी,

तू तो मुर्गा बनता था…!


साइंस की क्लास चल रही थी और पप्पू सो रहा था।

टीचर- पप्पू क्या हो रहा है ये सब

पप्पू- कुछ नहीं सर

टीचर- क्लास में सो रहे हो क्या ?

पप्पू- नहीं, सर गुरुत्वाकर्षण से सर नीचे गिर रहा है।

पप्पू की बात सुनकर टीचर मन ही मन हंसने लगा।


टिंकू को परेशान देखकर पिंकू ने उससे पूछा

क्या हुआ भाई आज इतने परेशान क्यों हो?

टिंकू- यार आज धमकी भरा लेटर मिला है।

उसमें लिखा है… मेरी बीवी से इश्क फरमाना छोड़ दो, नहीं तो तुमको गोली से उड़ा दूंगा।

पिंकू- इसमें इतना परेशान होने वाली क्या बात हैं, छोड़ दो उसकी बीवी को।

टिंकू- लेटर में नाम नहीं लिखा, इसलिए समझ नहीं आ रहा,

किसकी बीवी से इश्क फरमाना बंद करना हैं।

फिर क्या था पिंकू की हंसी बंद नहीं हो रही।


पिंकी-  यार मेरे बाल बहुत झड़ रहे हैं।

चिंकी-  क्यों?

पिंकी- चिंता से यार।

चिंकी- किस बात की चिंता है यार तुझे?

पिंकी- बाल झड़ने की।


हास्य रस के उदाहरण:

1. चुटकुले और हास्य कविताएँ:

हास्य रस का सर्वाधिक प्रसार चुटकुलों और हास्य कविताओं के माध्यम से होता है। व्यक्ति जिस तरह के चुटकुले सुनता है, उससे उसकी हंसी निकलती है। चुटकुलों के माध्यम से समस्याओं का सामना करना भी सरल हो जाता है। हास्य कविताएँ भी भाषा की चमकीली रचनाएं होती हैं जो व्यक्ति को रोमांचित करने का कारगर तरीका प्रदान करती हैं।

2. कॉमेडी शो और नृत्य:

विभिन्न राष्ट्रों में कॉमेडी शोज और हास्य नृत्य का प्रचार-प्रसार होता है जो लोगों को हंसी में डालकर उन्हें तनाव से मुक्त करने में मदद करता है। इन कला रूपों में कलाकार अपनी कला के माध्यम से लोगों को हंसी के साथ सोचने पर मजबूर करते हैं।

3. हास्य पत्रिकाएँ और विड ियोस:**

हास्य पत्रिकाएँ और विडियोस भी लोगों को हंसी में डालने का एक अच्छा माध्यम हैं। इनमें विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक और साहित्यिक विषयों पर मजेदार विचार होते हैं जो लोगों को हंसी के साथ सोचने पर मजबूर करते हैं।

4. हास्य रंगमंच और नाटक:

हास्य रंगमंच और नाटक भी एक उत्कृष्ट माध्यम हैं जो लोगों को मनोहरता के साथ सोचने पर मजबूर करते हैं। इनमें विभिन्न कलाकारों के माध्यम से प्रस्तुत किए जाने वाले नाटकों के माध्यम से लोगों को हंसी के साथ सामाजिक संदेश भी मिलते हैं।

हास्य रस के कुछ अनुभाव: 

  • ठहाका
  • पेट हिलना
  • दाँत दिखना
  • पेट पकड़ना
  • मुँह लाल होना
  • चेहरा चमकना
  • आँखों में पानी आना

समापन:

हास्य रस साहित्य और कला के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भावना है जो मनुष्य को सुखद और हंसीभरे रूप में विचारने का मौका प्रदान करती है। इसके माध्यम से लोग अपने जीवन की कठिनाईयों को एक हंसीभरे दृष्टिकोण से देख सकते हैं और समस्याओं का सामना करने में साहस पा सकते हैं। हास्य रस न केवल मनोरंजन का स्रोत है बल्कि यह एक सकारात्मक और सुस्त दृष्टिकोण प्रदान करके लोगों को जीवन को अधिक आनंदमय बनाने में मदद करता है।

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Hey, myself Gaurav Sharma. Basically, I am from Baraut, Uttar Pradesh, India. I have completed my bachelor's and started my freelancing career. After 1 year of freelancing, I started blogging. I have created many blogs on government jobs niche. I also work with some big brands in the jobs niche. I have almost 4+ years of experience in the sarkari naukri field. I also prepared for my sarkari job in 2018, and I know how to study, how to apply for government jobs, and how to do the best exam and focus on getting ready for any government job exams. Check out my social profiles and follow me there for fast updates.

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